महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन का, देश का अगला उपराष्ट्रपति होना लगभग तय है। भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने उपराष्ट्रपति के लिए उनके नाम की घोषणा की। लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को मिलाकर कुल बहुमत से ज्यादा का आकड़ा एनडीए के पक्ष में है। 4 मई 1957 को तमिलनाडु के कोयंबटूर में जन्मे सी.पी. राधाकृष्णन बचपन से ही ईमानदारी और सादगी के लिए जाने जाते रहे हैं। छात्र जीवन में ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे और समाजसेवा को जीवन का लक्ष्य बना लिया था। 1990 के दशक में वे सक्रिय रूप से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े।

1998 और 1999 में वे लगातार दो बार कोयंबटूर लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद चुने गए। संसद में उन्होंने उद्योग, शिक्षा और बुनियादी ढाँचे से जुड़े मुद्दों को जोर- शोर से उठाया। वे हमेशा विकास और स्वच्छ राजनीति के पैरोकार रहे हैं। तमिलनाडु में भाजपा को मजबूत बनाने में उनकी भूमिका अहम रही है। वे तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष भी बने और संगठन को जमीनी स्तर तक पहुँचाया। 2023 में उन्हें बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया। यहाँ भी उन्होंने छात्रों, किसानों और युवाओं से जुड़ी योजनाओं को आगे बढ़ाने में रुचि दिखाई। वे अक्सर यह संदेश देते रहे हैं कि राजनीति सत्ता के लिए नहीं, बल्कि सेवा के लिए होनी चाहिए।